जानवरोंं की बोलियां,Janwaro Ki Boliyan
*जानवरोंं की बोलियां*
*हुज़ूर सल्लललाहो तआला अलैहि वसल्लम* ने मुर्ग़ को गाली देने से मना फरमाया है और उसकी आवाज़ देने के वक़्त खुदा से दुआ करने का हुक्म है
📕 मिश्कात,जिल्द 2,सफह 261
मुर्ग़ उस वक़्त बोलता है जब कि वो फरिश्तों को देखता है और उसकी तस्बीह ये है "ऐ ग़ाफिलों अल्लाह को याद करो
📕 हयातुल हैवान,जिल्द 1,सफह 615
📕 रुहुल मआनी,जिल्द 19,सफह 172
गधा उस वक़्त बोलता है जब कि वो शैतान को देखता है इसलिए उस वक़्त अल्लाह से पनाह मांगना चाहिए
📕 हयातुल हैवान,जिल्द 1,सफह 615
जब शेर दहाड़ता है तो कहता है "ऐ अल्लाह मुझे किसी नेक आदमी पर मुसल्लत मत करना
📕 हयातुल हैवान,जिल्द 1,सफह 7
जब दो घोड़ों की मुलाक़ात होती है तो वो रब की तस्बीहो तहलील पढ़ते हैं
📕 नुज़हतुल मजालिस,सफह 55
मोर जब बोलता है तो कहता है "जैसा करोगे वैसा भरोगे
तोता जब बोलता है तो कहता है "जिसने दुनिया का इरादा किया वो हलाक हुआ
फाख्ता जब बोलती है तो कहती है "काश कि मख्लूक़ पैदा ही ना होती
कुमरी जब बोलती है तो कहती है "पाक है वो ज़ात जो बुलंद बाला है
हुदहुद जब बोलता है तो कहता है "ऐ गुनाहगारों अल्लाह से माफी चाहो
तीतर जब बोलता है तो कहता है "वो निहायत ही मेहरबान है उसने अर्श पर इस्तवा फरमाया
बाज़ जब बोलता है तो कहता है "लोगों से दूरी में ही राहत है
संगखोर जब बोलता है तो कहता है "जो खामोश रहा उसने निजात पाई
मेंढ़क जब बोलता है तो कहता है "पाक है वो ज़ात जो हमेशा ज़िंदा रहने वाली है
गिद्ध जब बोलता है तो कहता है "ऐ इब्ने आदम जैसे जीना है जी ले मगर तुझे आखिर में मरना है
हदी जब बोलता है तो कहता है "अल्लाह के सिवा हर चीज़ हलाक होने वाली है
खिताफ जब बोलता है तो कहता है "जिसे भलाई का मौक़ा मिले कर गुज़रो
शामां जब बोलती है तो कहती है "पैदा करने वाली और हमेशा रहने वाली ज़ात सिर्फ अल्लाह की है
तेतवा जब बोलता है तो कहता है "हर जानदार को मरना है और नई चीज़ बिल आखिर पुरानी होने वाली है
📕 रुहुल मआनी,जिल्द 19,सफह 171-172
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