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Showing posts from April, 2018

Salaatut Tasbeeh Ki Namaz

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*- Salaatut Tasbeeh Ki Namaz*                   *Salaatut Tasbeeh Ki 4 Raka’ate Hain, Jinko Ek Salaam Se Padha Jata Hai ,* *Is Namaz Ki Ahadees Me Badi Fazilate’n Manqool Hain ,* *Insaan Iske Zariye Kam Se Kam Waqt Ke Andar Zyada Se Zyada Nafa Haasil Kar Sakta Hai ,* *Isliye Saal Bhar Me Waqtan Fa Waqtan , Isko Padhne Ki Koshish Karni Chahiye Aur Mubarak Raato Me To Isko Aur Bhi Zyada Ahtamaam Se Padhna Chahiye,*  *Aur Ye Koi Mushkil Nahi ,Bas Dil Me Neki Haasil Karne Ka Jazba, Shouq Hona Chahiye,*  *Allah Ta’ala Amal Ki Taufeeq Ata Farmaye ,(Aameen ).* 🕌🕌🕌🕌🕌🕌🕌🕌🕌🕌🕌 *Salaatut Tasbeeh Ke  Fazail :–* *1 – Ye Wo Namaz Hai, Jiske Padhne Ki Barkat Se, 10 Qism Ke Gunaah Maaf Ho Jate Hain,* *Salat-Ul-Tasbeeh Padhne Se 1: Agle ,  2 : Pichle , 3 : Purane , 4 : Naye, 5 : Galti Se Kiye Hue , 6 : Jaan Bujh Kar Kiye Hue, 7 : Chote, 8 :  Bade, 9 : Chhup Kar Kiye Hue , Aur 10 :  Khullam Khullah Ki...

14 SH'ABAN ko Namaz-E-Magrib* ke Baad, *6 RAKAT NAMAZ NAFIL

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🌙 *14 SH'ABAN* ko NAMAZ-E-ASR ke Baad, GUROOB-E-AAFTAB Se Pahle Baa-Wuzoo, Qibla-Roo Hokar *40 Martaba* Yeh Parhe... *"LAA HAULA WALAA QUWWATA ILLA BILLAHIL ALIYYIL AZEEM."* ✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨ *14 SH'ABAN ko Namaz-E-Magrib* ke Baad, *6 RAKAT NAMAZ NAFIL* (2+2+2 Rakat Karke Parhe..) 1⃣st._2_Rakat Namaz *"DARAZI-E-UMR BIL-KHAIR"* 2⃣nd._2_Rakat Namaz *"BALAON Se HIFAZAT"* & 3⃣rd._2_Rakat Namaz *"ALLAH Azza-wa-Jall Apne Siwa kisi ka MOHTAJ Na kare"* ki *NIYYAT Se Parhe....* 📢 har 2 Rakat Namaz ke Baad, *SOORAH IKHLAS* (Qul-Huwallah) 21 Bar, *SOORAH YASEEN* 1 Bar Aur *DUROOD Sharif* 10 Bar Parhkar *DUAA-E-NISF-SHA'BAN* 1 Bar Zaroor Parhe.. 🍃 🌿  🍃  🌿  🍃  🌿 🍃 💎 SHAB-E-BARA'T ko *BERI ke 7 PATTE* Garm PANI Me Josh De Phir Usi PANI Se GUSL Karen *(IBADAT ki NIYYAT Se)* To, Use Pura Saal JADOO ka Asar Na hoga.. 🕋 *INSHA'ALLAH...!!* 🌿 🍃  🌿  🍃  🌿  🍃 🌿 📣 *SHAB-E-BARA'T* ko iss DUA'A ko Zi...

शैतान घर के क़रीब भी नही आएगा - यह पढ़ने से,Shaitaan Ghar Ke Kareeb Bhi Nahi Aayega-Yah Padne Se

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*शैतान घर के क़रीब भी नही आएगा - यह पढ़ने से* 👉🏻 नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया: जिस घर में यह 2 आयतें तीन रात तिलावत हों उस घर के शैतान क़रीब भी नहीं आएगा।(तिरमिज़ी 2882) 👉🏻 पूरा क़ुरआन दुनिया मे नाज़िल हुआ लेकिन यह 2 आयत नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को 7 आसमानों के ऊपर मेराज में दी गईं। 👉🏻 सूरह बकर: की आखरी 2 आयतें *सूरह बकर: की आखरी 2 आयतें* آمَنَ الرَّسُولُ بِمَا أُنْزِلَ إِلَيْهِ مِنْ رَبِّهِ وَالْمُؤْمِنُونَ كُلٌّ آمَنَ بِاللَّهِ وَمَلَائِكَتِهِ وَكُتُبِهِ وَرُسُلِهِ لَا نُفَرِّقُ بَيْنَ أَحَدٍ مِنْ رُسُلِهِ وَقَالُوا سَمِعْنَا وَأَطَعْنَا غُفْرَانَكَ رَبَّنَا وَإِلَيْكَ الْمَصِيرُ( )لَا يُكَلِّفُ اللَّهُ نَفْسًا إِلَّا وُسْعَهَا لَهَا مَا كَسَبَتْ وَعَلَيْهَا مَا اكْتَسَبَتْ رَبَّنَا لَا تُؤَاخِذْنَا إِنْ نَسِينَا أَوْ أَخْطَأْنَا رَبَّنَا وَلَا تَحْمِلْ عَلَيْنَا إِصْرًا كَمَا حَمَلْتَهُ عَلَى الَّذِينَ مِنْ قَبْلِنَا رَبَّنَا وَلَا تُحَمِّلْنَا مَا لَا طَاقَةَ لَنَا بِهِ وَاعْفُ عَنَّا وَاغْفِرْ لَنَا وَارْحَمْنَا أَنْتَ مَوْلَانَا فَانْصُرْنَا عَلَى ...

पेशाब के छींटो से बचा करो,Peshab Ke Cheento Se Bacha Karo

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*🔹पेशाब के छींटो से बचा करो🔹* *~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~* *हज़रत सय्यदना ईब्ने अब्बास रदीअल्लाहु तआला अन्हुमा से मरवी है के* *सरकारे दो आलम सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम दो कबरों के पास से गुज़रे* *और फरमाया ये दोनो कब्र वाले अज़ाब दीये जा रहे हैं और कीसी बडी चीज़ मैं अज़ाब नही दीये जा रहे* *बल्के अेक तो पेशाब के छींटों से नही बचता था और दुसरा चुगल खोरी कीया करता था अल्लाहु अकबर* *आप सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम ने खजुर की टेहनी मंगवाई और उसे आघा चीरा* *फीर दोनो कबरों पर अेक अेक हीस्सा गाड  दीया और फरमाया जब तक ये खुश्क (सुखे ) ना हों तब तक ईन दोनो पर अज़ाब मैं तखफीफ (कमी) रहेगी ,,* *अल्लाह हम सबको ईस गुनाह से बचने की तौफीक़ अता फरमाअे-आमीन* *📚सहीह बुखारी जील्द १ पेज नंबर 95 हदीष 21*  *_______________________________*

वहाबीयों का अक़ीदा जहन्नमी है,Wahabiyo Ka Aqeeda Jahannami Hai

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🌼👇#वहाबीयों_का_अक़ीदा_जहन्नमी_है👇🌼 ​मौला तआला क़ुर्आन में इरशाद फरमाता है कि​  * ऐ ईमान वालो मेरे और अपने दुश्मनों को दोस्त ना बनाओ पारा 28,सूरह मुमतहिना,आयत 1  ​दूसरी जगह इरशाद फरमाता है कि​ * ऐ ईमान वालो अपने बाप और अपने भाइयों को दोस्त ना रखो अगर वो ईमान पर कुफ्र पसंद करें और फिर जो तुममें से उनसे दोस्ती रखेगा तो वही लोग सितमगर हैं  पारा 10,सूरह तौबा,आयत 23  ​और इरशाद फरमाता है कि​ * और जो तुममें से उनसे दोस्ती करेगा तो बेशक वो उन्हीं में से है बेशक अल्लाह हिदायत नहीं देता ज़ालिमों को  पारा 6,सूरह मायदा,आयत 51 ​आज ये नहूसत बहुत आम है,कोई वहाबी से दोस्ती करे है तो कोई हिन्दुओं से,कोई किसी का त्यौहार मनाता नज़र आता है तो कोई किसी का,इस्लाम तो बस नाम में ही सिमटकर रह गया है,मुसलमानो सा नाम रख लिया कभी कभार कुर्ता पैजामा पहन लिया कभी हफ्ते या महीने में एक आध बार जुमा पढ़ आये कभी टोपी लगा लिया बस हो गए मुसलमान,शायद मुसलमानो ने इसी को ईमान समझ लिया है अब चाहे जो करो चाहे जिससे दोस्ती करो जिसके यहां चाहो रिश्तेदारी करो किसी के यहां भी खा पी ...

चुगलखोरी किसे कहते हैं,Chugalkhori Kisse Kehte Hai

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🌾🌾🌾🌾🌾🌾🌾🌾🌾🌾🌾 *चुगलखोरी किसे कहते हैं* 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 *चुगली :-* या'नी किसी की बात सुन कर किसी दूसरे से इस तौर पर कह देना कि दोनों में इख़्तिलाफ़ और झगड़ा हो जाए। येह बहुत बड़ा गुनाह और बहुत खराब आदत है। तजरिबा है कि मर्दों से जियादा औरतें इस गुनाह में मुब्तला हैं। हदीष शरीफ़ में चुगल खोरी को रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने गुनाहे कबीरा बताया यहां तक कि एक हदीष में येह आया है कि चुगुल खोर जन्नत में नहीं दाखिल होगा। *( मुस्लिम शरीफ किताब उल ईमान जिल्द 1 पेज नंबर 66)* और एक हदीष में येह भी है कि तुम लोगों में सब से जियादा खुदा के नजदीक ना पसन्दीदा वोह है जो इधर उधर की बातों में लगाई बुझाई कर के मुसलमान भाइयों में इख़्तिलाफ़ और फूट डालता है। *( अल मुसनद इमाम अहमद बिन हंबल 291)* और एक हदीष में येह भी फ़रमाने रसूल है कि चुगल खोर के आखिरत से पहले उस की कबर में अज़ाब दिया जाएगा। *( बुखारी शरीफ जिल्द 1 पैज 95)* इस के इलावा चुगूली की बुराई के बारे में बहुत सी हदीष आई है। मुसलमान भाइयो और बहनो ! किसी की कोई बात सुनो तो खूब समझ लो कि तुम इस ब...

ज़लज़ला कैसे आता है,Zalzala Kaise Aata Hain

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*ज़लज़ला कैसे आता है* 💎ज़लज़ला आने का असली सबब इंसान के गुनाह है ! ज़लज़ला इस तरह आता है की रुए ज़मीन पर एक पहाड़ है जो तमाम ज़मीन को मुहित किये हुए है ! और इसकी जड़े तमाम ज़मीन पर फैली हुई है ! अल्लाह तआला जब किसी ज़मीन पर ज़लज़ले का हुक़्म देता है(माज़अल्लाह) तो वो पहाड़ उस जगह के रेशे को जुम्बिस देता है जिससे ज़लज़ला आता है ! *📚(फैजाने आला हज़रत, सफा 170)* *आसमानी बिजली क्या चीज़ है*👇🏽 💎अल्लाह तआला ने बादलों को चलने के लिए एक फ़रिश्ता मुक़र्रर फरमाया है जिसका नाम रअद है ! उसका क़द बहूत छोटा है और उसके हाथ में बहुत बड़ा कोड़ा है ! जब वह कोड़ा बादल को मारता है तो उसकी तर्री से आग झड़ती है ! उस आग का नाम बिजली है ! *📚(फैजाने आला हज़रत, सफा 170)* *➡जारी----* *_______________________________*

जानवरोंं की बोलियां​,Janwaro Ki Boliyan

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*जानवरोंं की बोलियां​* *हुज़ूर सल्लललाहो तआला अलैहि वसल्लम* ने मुर्ग़ को गाली देने से मना फरमाया है और उसकी आवाज़ देने के वक़्त खुदा से दुआ करने का हुक्म है 📕 मिश्कात,जिल्द 2,सफह 261 मुर्ग़ उस वक़्त बोलता है जब कि वो फरिश्तों को देखता है और उसकी तस्बीह ये है "ऐ ग़ाफिलों अल्लाह को याद करो 📕 हयातुल हैवान,जिल्द 1,सफह 615 📕 रुहुल मआनी,जिल्द 19,सफह 172 गधा उस वक़्त बोलता है जब कि वो शैतान को देखता है इसलिए उस वक़्त अल्लाह से पनाह मांगना चाहिए  📕 हयातुल हैवान,जिल्द 1,सफह 615 जब शेर दहाड़ता है तो कहता है "ऐ अल्लाह मुझे किसी नेक आदमी पर मुसल्लत मत करना  📕 हयातुल हैवान,जिल्द 1,सफह 7 जब दो घोड़ों की मुलाक़ात होती है तो वो रब की तस्बीहो तहलील पढ़ते हैं  📕 नुज़हतुल मजालिस,सफह 55 मोर जब बोलता है तो कहता है "जैसा करोगे वैसा भरोगे  तोता जब बोलता है तो कहता है "जिसने दुनिया का इरादा किया वो हलाक हुआ फाख्ता जब बोलती है तो कहती है "काश कि मख्लूक़ पैदा ही ना होती  कुमरी जब बोलती है तो कहती है "पाक है वो ज़ात जो बुलंद बाला है हुदहुद जब बोलता है तो ...

Shabaan Ke Fazail

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┌═══════▩﷽▩═══════┐               🕌 *Shabaan Ke Fazail.*                *︵︷︵︷︵︷︵︷︵*                *❀ SHABAAN ❀*               *︶︸︶︸︶︸︶︸︶*       ☞ *Dua Ki Qubuliyat Ki Shara'It ,*                 ┄─═✧═✧ ═✧═✧═─┄ ⇏ Dua Ki Qubuliyat Ki Chand Buniyadi Sharte'N Hain ,Dua Maangne Me Inka Lihaaz Rakhna Zaroori Hai , ❉ 1-Pehli Shart :-Haraam Se Bachnaa , ⇏Hadees Ke Mutabiq Jiska Khana Peena Aur Libaas Vagera Haraam Ka Ho Uski Dua Qubool Nahi Hoti ,Chunache Hazrat Abu Hurairar ؓ Farmate Hain Ke Nabi ﷺ Ne Ek Shakhs Ka Tazkira Kiya Jo Taveel {Lamba} Safar Karta Hai Aur Uski Vajah Se Woh Paraganda Aur Gubaar Aalood Ho Jata Hai Aur Is Paragandgi Ki Haalat Me Apne Haath Allah Ta'Ala Ke Saamne Fela Kar Kehta Hai,  ⇏Aye Mere Parvardigaar !Aye Mere Parvardigaar ! H...

Zakaat Ke Masail,जकात के मसाइल

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🏵💸🏵💸 *﷽* 🏵💸🏵💸                           ┏──────────────────💸 │ ✦ *Zakaat Ke MasaiL* ✦ ┗─────────────🏵            ┗─────────💸 *┱✿ Zakaat Ke Hisaab Ke Liye Tareekh Mutayan {Fix} Karna ✺* ★ Aksar Log Sirf Ramzan Me Zakaat Nikaalte Hain Aur Usi Me Hisaab Karte Hain, Ramzanul Mubarak Me Zakaat Nikaalne Ki Fazilat To Hai Lekin Apne Maal Ka Hisaab Bhi Ramzan Hee Me Kiya Jaye? Isme Bahut Si Kharabiya Hain, "_Isliye Ke Zakaat Ka Sahi Tareeqa Ye Hai Ke Aap Qamri Maah ( Chand Ki Tareekh ) Ki Jis Tareekh Ko Sahibe Nisaab Hue The, Hamesha Wahi Tareekh Aapki Zakaat Ke Hisaab Ke Liye Mutayan Rahegi, ★ Is Tareekh Me Aapke Paas Jo Sona, Chandi, Maale Tijarat Aur Naqdi Jo Kuchh Bhi Ho, Chahe Ek Roz Pehle Hee Mila Ho Sab Per Zakaat Farz Hogi, Zakaat Ka Hisaab Isi Tareekh Ko Hoga Ada Chahe Jab Kare, ★ Agar Darmiyan Saal Me Nisaab Ke Mutabik Maal Bilkul Nahi Raha To Ab Fir ( Doba...

सवालाते क़ब्र का बयान,Sawalat E Qabr Ka Bayaan

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*सवालाते क़ब्र का बयान...* 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 *सवाल-* क्या मुन्कर नकीर के सवाल सिर्फ मुसलमान से होते हैं या काफिर और मुशिरक से भी? *जवाब-* मुसलमान या इस्लाम का दावा करने वाले से मुनाफ़िक से होते हैं काफिर और मुशिरक से क़र्ब के सवाल नहीं किये जाते  *(शरहुस्सुदूर सफ़्हा 59/फ़तावा हदीसिया सफ़्हा 7)* *सवाल-* मुन्कर नकीर दोनों मिलकर सवाल करते हैं या एक? *जवाब-* कुछ लोगों से दोनों और कुछ लोगों से एक ही सवाल करता हैं।  *(शरहुस्सुदूर सफ़्हा 59)* *सवाल-* क्या क़ब्र के सवालात के वक़्त रूह पूरे जिस्म मैं लौटाई जाती हैं? *जवाब-* हक़ीकते हाल तो खुदा जाने अलबत्ता बाज़ यह कहते हैं कि रूह पूरे जिस्म मैं लौटाई जाती हैं बाज़ कहते हैं कि सिर्फ सीने तक दाखिल होती हैं और बाज़ उसके भी मुन्किर हैं वह कहते हैं कि रूह जिस्म और कफ़न के दरमीयान रखी जाती हैं।  *(अलजवाहिरूल मनीफह सफ़्हा 23)* *सवाल-* क्या सवालाते क़ब्र तमाम मुसलमान मुदो से होते हैं? *जवाब-* मुस्तसनात छोड़कर तमाम मुसलमान मुर्दो से सवालात होगे यहाँ तक कि कोई आग मे जल जाऐ या पानी मैं डूब जाऐ तो उनसे भी सवालात होगे वहीं ...

पर्दा और बदनज़री (Ghar Ki Aurton Ko Zaroor Pad Kar Sunaye)

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👆🏾*पर्दा और बदनज़री*👆🏾 * हुज़ूर सल्लललाहो तआला अलैहि वसल्लम इरशाद फरमाते हैं कि आंख भी ज़िना करती है तो जो शख्स अपनी नज़र को काबू में नहीं रख पाता तो उसे चाहिये कि निकाह करे और अगर इसकी इस्तेताअत ना रखता हो तो रोज़ा रखे कि रोज़ा शहवत को तोड़ देता है 📕 कीमियाये सआदत,सफह 497 * औरतों के लिए ऐसा लिबास जिससे कि उनके जिस्म की हैबत व रंगत समझ में आये पहनना हराम है और ऐसे लिबास को हदीसे पाक में नंगा लिबास फरमाया गया है 📕 इस्लाम में पर्दा,सफह 9 * औरत का घर के सहन में नमाज़ पढ़ने से बेहतर है कि दालान में नमाज़ पढ़े और दालान में नमाज़ पढ़ने से बेहतर है कि कमरे में नमाज़ पढ़े और कमरे में नमाज़ पढ़ने से बेहतर है कि तहखाने में नमाज़ पढ़े 📕 अलमलफूज़,हिस्सा 3,सफह 27 * एक मर्तबा हुज़ूर सल्लललाहो तआला अलैहि वसल्लम ने अपनी महफिल में सहाबये किराम से सवाल किया कि औरत के लिए सबसे बेहतरीन चीज़ क्या है,सब खामोश रहे और किसी ने जवाब ना दिया तो मौला अली रज़ियल्लाहु तआला अन्हु उठे और अपने घर जाकर खातूने जन्नत हज़रते फातिमा ज़ुहरा रज़ियल्लाहु तआला अन्हा से यही सवाल करते हैं तो आप फरमाती हैं कि एक औरत के लिए सबसे ब...

आसिफा ने लिखा निर्भया को खत,Asifa wrote letter to Nirbhaya,

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आसिफा ने लिखा निर्भया को खत, तुम कहां हो? दीदी मैं तुम्हें ढूंढ रही हूं क्योंकि मुझे समझ नहीं आ रहा कि मैं किससे अपना दर्द कहूं। हम सगी बहनें तो नहीं लेकिन हमारे बीच दर्द का रिश्ता है। इसलिए मैं तुम्हीं से कहती हूं। दीदी 16 दिसंबर 2012 को तुम्हें 6 लोगों ने कुचला। तुम चली गईं तो खूब शोर हुआ। लगा कि अब लड़कियों के लिए ये देश ज्यादा सेफ होगा। लेकिन दीदी ऐसा नहीं हुआ। देखो तुम्हारे जाने के 6 साल बाद मेरे साथ क्या हुआ? दीदी मैं सिर्फ आठ साल की हूं। मेरा नाम आशिफा है। मेरा घर जम्मू में कठुआ जिले के रसाना गांव में है। दीदी मैं अपने घोड़े को ढूंढते-ढूंढते इंसान के रूप में जानवर के चुंगल में फंस गई। इन लोगों ने मुझे एक कमरे में बंद कर दिया दीदी। फिर लोग आते गए और मुझ पर जुल्म करते रहे। वो आठ लोग थे। दीदी मुझे बहुत दर्द हुआ। खाली पेट मुझे ये लोग कोई नशीली दवा देते थे। दीदी जो लोग आते थे उनमें पुलिस वाले भी थे। इनमें से एक पुलिस वाला तो वो था जिसे मुझे ढूंढने के लिए लगाया गया था। मुझ नन्हीं सी जान को कुचलने के लिए इन लोगों ने यूपी के मेरठ से भी किसी को बुला लिया। दीदी मुझमें जान तो बची न...

सर ढ़ांकना,Amama Shareef Ya Topi Surr Par Lagana Kaisa?

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🔶🔶🔶सर ढ़ांकना🔶🔶🔶*  * टोपी पहनना हुज़ूर सल्लललाहो तआला अलैहि वसल्लम से साबित है 📕 बहारे शरीयत,हिस्सा 16,सफह 55 * अमामा शरीफ के साथ एक नमाज़ 70 नमाज़ों के बराबर है 📕 अलमलफूज़,हिस्सा 1,सफह 56 * नमाज़ में अगर टोपी गिर जाये तो उठा लेना अफज़ल है मगर बार-बार गिरे तो ना उठायें और दोनों हाथों से भी ना उठायें कि ये अमले कसीर हो जायेगा जो कि नमाज़ को फासिद कर देता है 📕 फतावा रज़वियह,जिल्द 3,सफह 416 * जो लोग आजिज़ी की नियत से नंगे सर नमाज़ पढ़ते हैं तो कोई हर्ज नहीं 📕 अहकामे शरीयत,हिस्सा 1,सफह 130 * लेकिन अगर नमाज़ की तहक़ीर मुराद है मसलन ये सोचकर नंगे सर नमाज़ पढ़ी कि नमाज़ कोई इतनी अहम इबादत नहीं है जब तो माज़ अल्लाह कुफ्र है 📕 अनवारुल हदीस,सफह 91 एक मुसलमान जल्द बाज़ी में नंगे सर नमाज़ तो पढ़ सकता है मगर नमाज़ की तहक़ीर की नियत रखे ये तो हो ही नहीं सकता मगर आज कल कुछ अलग फिरके के लोगों के यहां नंगे सर नमाज़ पढ़ने का मामूल बन गया है लिहाज़ा इससे बचना ज़रूरी है * औरतों के बाल सतर में दाखिल हैं जिनका छुपाना फर्ज़ है सो उनका इतना बारीक दुपट्टा पहनकर नमाज़ पढ़ना कि बालों की सियाही ऊप...

Marhoom Ke Isaale Sawab Ka Khana Kisse Khana Chahiye

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👉 सवाल​ 👈 📩 मरहूम के ईसाले सवाब केलिये जो खाना बनाते हैं वह खाना ग़रीब के अलावा मालदार लोग भी खा सकते हैं या नहीं? और जो महमान आते हैं उन्हें खिलाना चाहिये या नहीं? 👉 जवाब​ 👈 ‎  मैयत के नाम पर मैयत वालों की तरफ़ से आम और ख़ास सब लोगो को ‎दावत देकर खिलाना ना जाईज़ और बुरी बिद्-अत है, क्युंकि शरीअत ने दावत ‎ख़ुशी में रखी है ना कि ग़म में ।  ‎📗 फ़तावा आलमगीरी: जिल्द 1, पेज 167 📗 फ़त्-हुल बारी: जिल्द 2, पेज 142 📗 तह्तावी + मराक़िल फ़लाह़: जिल्द 1, पेज 617 📗 दुर्रे मुख़्तार + रद्दुल मोह्तार: जिल्द 2, पेज 240 ‎ ✒ इमामे अहले सुन्नत आलाहज़रत मौलाना अहमद रज़ा रहमतुल्लाहि अलैहि ‎फ़रमाते हैं: मुर्दे का खाना सिर्फ़ फ़ु-क़रा (यानी जो साहिबे निसाब ना हों, उन​) के लिये ‎होना चाहिये, आम दावत के तौर पर जो करते हैं ये मना है, ग़नी (साहिबे ‎निसाब) ना खाये ।"  ‎📖 फ़तावा रज़विया: जिल्द 9, पेज 536 ✒ और फ़रमाते हैं: "मैयत के यहां जो लोग जमा होते हैं, और उनकी दावत की ‎जाती है, ये खाना हर तरह मना है । 📖 फ़तावा रज़विया: जिल्द 9, पेज 673 ✒ और फ़रमाते हैं: "मैयत की दावत बिरादरी केलिये मना ...

Shab e Me'araaj ki Ibaadat

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Shab e Me'araaj ki Ibaadat : Qur’an : 17 Surah Bani Isră'eel, Aayat 1 : ﺳُﺒْﺤَﺎﻥَ ﺍﻟَّﺬِﻱ ﺃَﺳْﺮَﻯ ﺑِﻌَﺒْﺪِﻩِ ﻟَﻴْﻼً ﻣِّﻦَ ﺍﻟْﻤَﺴْﺠِﺪِ ﺍﻟْﺤَﺮَﺍﻡِ ﺇِﻟَﻰ ﺍﻟْﻤَﺴْﺠِﺪِ ﺍﻷَﻗْﺼَﻰ ﺍﻟَّﺬِﻱ ﺑَﺎﺭَﻛْﻨَﺎ ﺣَﻮْﻟَﻪُ ﻟِﻨُﺮِﻳَﻪُ ﻣِﻦْ ﺁﻳَﺎﺗِﻨَﺎ ﺇِﻧَّﻪُ ﻫُﻮَ ﺍﻟﺴَّﻤِﻴﻊُ ﺍﻟﺒَﺼِﻴﺮُ Paak hai wo zaat jo raat ke thode se hisse me apne (mehboob) bande ko Masjid e Haraam se Masjid e Aqsa tak le gai, jis ke ird gird ko hamne ba-barkat bana diya hai taake hum us ko apni (azeem) nishaaniya dikhayen. Beshak wo khoob sunne waala khoob dekhne waala hai. *********************** Shab e Me'araaj ka bayaan : ‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾‾ 12 Nabawi (621 A.D.) me Rajab ki mubarak 27wi raat me ALLĀH ta’ala ne apne Habeeb sallallāhu alaihi wa sallam ko Me'araaj ata farmaai aur aap ko La makaan ki us bulandi par bulaaya jis ka koi tasawwur bhi nahi kar sakta aur Aap ko Rab ta’ala ne apna deedaar karaaya aur Aap se kalaam kiya aur Mo’mino ke liye Namaaz ka tohfa ata farmaaya. ***************...

झींगे (PRAWNS) खाने के बारे में शरीअत का क्या हुक्म है

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*सुवाल 1: झींगे (PRAWNS) खाने के बारे में शरीअत का क्या हुक्म है* *जवाब:* मछली के इलावा पानी का हर जानवर हराम है. जैसा के हनफी उलमाए किराम رحمهم الله السلام फरमाते है:  पानी के हर जानवर का खाना हराम है सिवाए मछली के, के इसका (यानी मछली) खाना हलाल है. *(फतावा आलमगिरी जिल्द 5 सफहा 289)* *झींगा मछली है या नहीं?* इसमें उलमाए किराम का इख्तिलाफ़ है. हमारे इमाम आला हज़रत मौलाना शाह इमाम अहमद रज़ा खान رحمة الله تعالى عليه की तहक़ीक़ ये है के झींगा मछली ही की एक क़िस्म है. आप رحمة الله تعالى عليه फ़तावा रज़विय्या शरीफ में फरमाते है: फ़कीर ने (यानी मैंने) कुतुबे लुग़त (arabic dictionaries) व कुतुबे तिब (medical science books), व कुतुबे इल्मे हयवान (books of zoology) में बिल इत्तिफ़ाक़ तसरीह देखी  के झींगा मछली है.” लिहाज़ा आला हज़रत के नज़दीक झींगा एक क़िस्म की मछली है, *लिहाज़ा आपने झींगा खाना हराम नहीं फ़रमाया.* मगर आखिर में इतना फ़रमाया: *हर हाल में ऐसी शक वाली और इख्तिलाफ़ वाली चीज़ों से बिगैर ज़रुरत बचना ही चाहिए.* (फ़तावा रज़विय्या जिल्द 20 सफ़हा 336-339)* सदरुश्शरिया ह...

ALLAH WALO KA JISM MUBARAK MITTI KO KHANA HARAAM HAI

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*"ALLAH WALO KA JISM MUBARAK MITTI KO KHANA HARAAM HAI"*  *"اللہ والو کا جسم مبارک مٹی کو خانہ حرام ہیں"* 👇🏽👇🏽👇🏽👇🏽👇🏽👇🏽👇🏽 sarkar e Madina صلي الله تعالي عليه وسلم ka Farmaan hai...  سرکارء مدینہ صلي الله تعالي عليه وسلم کا فرمان ھے...  *"JUMAA KE DIN MUJH PAR KASART SE DUROOD E PAK BHEJA KARO.. KYU KE YE HAAZRI KA DIN HAI.. ISME FARISHTE HAAZIR HOTE HAI.. JO KOI BHI MUJH PAR DUROOD E PAK BHEJTA HAI.. USKA DUROOD MUJH PAR PESH KIYA JAATA HAI..  JAB TAK KE WO DUROOD PADHTA REHTA HAI.."*  *"جمعہ کے دن مجھ پر کثرت سے درودء پاک بھیجو کیونکہ یہ حاجری کا دن ھے.. اس میں فرشتے حاضر ہوتے ہیں.. جو کوئی مجھ پر درودء پاک بھیجتا ھے؟ اس کا درود مجھ پر پیش کیا جاتا ھے... جب تک کے درود پڑتا رہتا ھے..."*  *Hazrat e Abu Dardaa رضي الله تعالي عنه ne arz kiya... KYA WISAAL SHAREEF KE BAAD BHI?*  *حضرت ابو درداء رضي الله تعالي عنه نے عرض کیا... کیا وسال شریف کے بعد بھی؟*  Irshaad Farmaya:  *wisaal ke baad bhi.. BE SHAK ALLAH...

ख़ुत्बा सुनने व बैठने के एहकाम,Khutba Sunne Wa Baithne Ke Ahkaam

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*ख़ुत्बा सुनने व बैठने के एहकाम* بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ      जो काम नमाज़ की हालत में करना हराम और मना है, ख़ुत्बा होने की हालत में भी हराम और मना है। *(हुल्या, जामऊर्-रमुज़, आलमगीरी, फतावा रज़विय्या)*      ख़ुत्बा सुनना फ़र्ज़ है और ख़ुत्बा इस तरह सुनना फ़र्ज़ है कि हमा-तन (समग्र एकाग्रता) उसी तरफ तवज्जोह दे और किसी काम में मश्गुल न हो। सरापा तमाम आज़ा ए बदन उसी की तरफ मुतवज्जेह होना वाजिब है। अगर किसी ख़ुत्बा सुनने वाले तक खतीब की आवाज़ न पहुचती हो, जब भी उसे चुप रहना और ख़ुत्बा की तरफ तवज्जोह रखना वाजिब है। उसे भी किसी काम में मश्गुल होना हराम है। *(फत्हुल क़दीर, रद्दुल मोहतार, फतावा रज़विय्या)*      ख़ुत्बा के वक़्त ख़ुत्बा सुननेवाला "दो जानू" यानी नमाज़ के क़ायदे में जिस तरह बैठते है उस तरह बैठे। *(आलमगीरी, रद्दुल मोहतार, गुन्या, बहारे शरीअत)*      ख़ुत्बा हो रहा हो तब सुनने वाले को एक घूंट पानी पीना हराम है और किसी की तरफ गर्दन फेर कर देखना भी हराम है।...

Shab e Jumu'ah Darood Shareef

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_Shab e Jumu'ah Darood Shareef._ *بسم الله الرحمن الرحيم* *الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ* _شب جمعہ کا درود شریف_ اَللّٰـــهُمَّ صَــلِّ وَسَلِّمْ وَبَارِكْ عَــلٰى سَيِّدِنَا وَمَوْلٰنَا  مُحَــمَّدٍ نِ النَّبِيِّ الْاُمِّيِّ الْحَبِيْبِ الْعَالِي الْقَدْرِ  الْعَظِيْمِ الْجَاهِ وَعَلٰی اٰلِهٖ وَصَحْبِهٖ وَبَارِك وَسَلِّم  اَللّٰـــهُمَّ صَــلِّ عَــلٰى مُحَــمَّدٍ وَّاَنْزِلْهُ  الْمَــقْعَدَ الْمُقَـرَّبَ عِنْــدَكَ يَوْمَ الْقِيـَـامــَةِ "Allahumma Salli Wa Sallim Wa Baarik Ala Sayyidina Wa Maulana Muhammadinin Nabiyyil Ummiyyil Habeebil Aalil Qadril Azeemil Jaahi Wa'Ala Aalihi Wasahbihi Wabaarik  wasallim Allahumma Salli Ala Muhammadinw Wa'anzilhul Maq'adal Muqarraba Indaka Yaumal Qiyamah" Buzurgaane deen farmate hai yeh Darood Shareef shab e jumu'ah (jumeraat o jumu'ah ke darmiyani raat) ko kam az kam ek martaba padhey.. Fazilat - Inteqal ke waqt woh shakhs Huzoor Shafi e Mehshar ﷺ ki ziyarat se musharaf hoga. ...

पाकी के मसाइल,Paaki Ke Masail

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〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰     *📿⚜पाकी के मसाइल⚜📿* 〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰 *📖हदीस-::**हज़रते याला रदियल्लाहु अन्हु से रिवायत है की रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने एक आदमी को मैदान मे नहाते देखा और फिर मिम्बर पर तशरीफ ले जाकर अल्लाह की हम्द व सना के बाद फ़रमाया की अल्लाह तआला हया फरमाने वाला है और पर्दापोश है ! हया और पर्दा करने वाले दोस्त रखता है ! जब तुम में कोई नहाये तो उसे पर्दा करना लाज़िम है !* *📚(अबू दाऊद शरीफ, बहारे शरीयत 2/28)* *📖हदीस::* *हज़रत अब्दुल्लाह इब्ने उमर से रिवायत है की हज़रत उमर रदियल्लाहु अन्हु ने रसुलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम से पूछा की उनको रात में नहाने की जरूरत हो जाती है ! फ़रमाया वुज़ू कर लो और उज़्वे तनासुल(लिंग) को धो लो फिर सो जाओ !*  *📚(सही बुखारी, बहारे शरीअत, 2/29)* *📖हदीस::-* *अबु सईद खुदरी रदियल्लाहु अन्हु से रिवायत हे की हुज़ूर ए करीम ने फरमाया की जब तुम में कोई अपनी बीवी के पास जाकर दुबारा जाना चाहे तो वुज़ू कर ले !* *📚(मुस्लिम शरीफ, बहारे शरीयत, 2/29)* *📖हदीस::-* *हरज़त आइशा सिद्दीक़ा रदियल्लाहु तआला अन्हुमा से रिवायत है की ताजदार ए मदी...

Nikah Se Pehle Ladki Dekhna

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🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹              *TopiC👇🏻*   *Nikaah Se Pahle Ladki Dekhna* Kisi *Ladki* ya *Aurat* KO kisi *Gair Mard* KO Us Waqt Dikhane me koi Harj Nahi Jab Woh Us Se *_SHADI_* Ka Irada Rakhta ho ya Us Ne *_SHADI_* Ka *_PAIGAAM_* Bheja ho  !  Lekin Us *_Mard_*  ke Doosre *_Mard_* Ristedaro ya *Dost Ahbaab* KO Nahi Dikhna Chahiye ke Woh Sab Gair Marham Hai *_(Jin Se Parda Karna Jaroori Hai_)* Lihaza Sirf *_Ladke_* ya *_Mard_* AUR Uske Ghar ki *_Aurte_* hi *Ladki* Dekhe  !                 Nikaah Se pahle *Aurat* KO Dekhna Jayiz hai Lekin is Baat KA Jaroor Khayaal Rakhe ki *Ladke* KO *Ladki* is Tarah Se Dikhaye ke *Ladki* KO is Baat ki Bhanak bhi Na Lage ke *Ladka* Use Dekh Raha Hai *(_Yani Khullam Khulla Samne Na Laye_)* Agar is Ahtiyaat Se Dikhaya Jayega to is me koi *Harj* Nahi Balki Behtar Hai ke Baad Me *Galat Faihmi* Nahi Hoti  !         ...

Ilm E Gaib E Mustafa ﷺ Hadees Se Sabit

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Ilm E Gaib E Mustafa ﷺ Hadees se sabit! Hazrat e Anas Bin Malik رضي الله عنه se riwayat hai Aapne farmaya Huzoor Nabi e Kareem ﷺ jalwagar huwe aur ek baagh mein tashreef le gaye, ek sahab haazir huwe aur darwaze par dastak di Huzoor e Akram ﷺ irshad farmate haiñ Aye Anas!utho aur unke liye darwaza kholo aur unhe jannat ki aur mere baad khilafat ki basharat suna do. Maiñe arz kiya Yaa RasoolAllah! ﷺ kya maiñ unhe yeh bhi bata du ke Aapne yeh baat irshad farmayi hai? RasoolAllah ﷺ ne ijazat ataa farmayi jabh maiñe darwaza khola toh Hazrat e Abu Bakr Siddique رضي الله عنه tashreef farma hai maiñe unse kaha Aapke liye Jannat ki khushkhabri hai aur Huzoor Nabi e Kareem ﷺ ke baad khilafat ki khushkhabri hai. Phir darwaze par dastak huwi RasoolAllah ﷺ ne irshad farmaya Aye Anas! utho aur unke liye darwaza kholo aur unhe Jannat ki khushkhabri suna do aur Abu Bakr Siddique ke baad unko khilafat ki basharat suna do. Maiñe arz kiya Yaa RasoolAllah! ﷺ kya yeh bhi bata du ke Aapne yeh baat i...

100 शहीदों का सवाब,100 Shahido Ka Sawab,

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* 100 शहीदों का सवाब *  * हुज़ूर सल्लललाहो तआला अलैहि वसल्लम फरमाते हैं कि जो कोई फसादे उम्मत के वक़्त मेरी सुन्नत को मज़बूती से थामे रहेगा उसे 100 शहीदों का सवाब मिलेगा 📕 इब्ने माजा,जिल्द 3,सफह 360 ​यही है वो वक़्त जबकि 1 नहीं कितनी ही सुन्नतें मुर्दा होती जा रही है,और इसका ज़िम्मेदार कोई और नहीं बल्कि हम ही हैं,हम इस क़दर दुनिया में खो गये हैं कि हमे ज़रा भी होश नहीं रहा कि इक दिन मौत भी आनी है,बस हर दम एक ही ख्याल रहता है हाय पैसा हाय पैसा हाय पैसा,हराम हलाल की तमीज़ हमे करनी नहीं,नमाज़ें हमे पढ़नी नहीं,रोज़े हमे रखने नहीं,हज तो बस ख्यालों मे ही कर लेते हैं,ज़कात हम खुद ही खा जाते हैं,खड़े होकर खाना पीना अब स्टैंडरी है,नंगा घूमना फैशन,दाढ़ी ना रखना स्मार्टनेस,औरतों का पर्दा करना भारी बोझ,कुल मिलकर आज हर सुन्नत ही मुर्दा हो चुकी है तो इस ज़माने में जो भी शख्स कोई एक भी सुन्नत ज़िंदा कर देगा यानि उस पर अमल करना शुरू कर देगा तो उसे 100 शहीदों का सवाब मिलेगा,और इस्लाम में एक शहीद की क्या हैसियत है और उसका सवाब कितना है उसको जानने के लिए ये समझिये कि मौत की तक़लीफ के बारे मे र...

ISAALE SAWAB AUR FATIHA HADITH SE SABIT HAI

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أعوذ بالله من الشيطان الرجيم بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَنِ الرَّحِيم ♥ الصلوۃ والسلام علیک یا سیدی یارسول اللہ ♥‎ ┷━══◐━═━┉─○─┉━◑══┷ ❂  〰✸  〰✸  〰✸  〰✸  〰✸  〰❂❂  〰✸  〰✸  〰✸  〰✸  〰✸  〰❂❂  〰✸  〰✸  〰✸  🌺ISAALE SAWAB AUR FATIHA HADITH SE SABIT HAI🌹 💥Jo log duniya se guzar chuke hain unke naam par sadqa wa khairaat karke uska sawaab unhe pahunchana bila shubha jaayez hai or Ahadees se saabit hai jo khaane peeney ki cheez khairaat ki jaaye usko samne rakh kar bhi kaha ja sakta hai ki iska sawaab falaa’n ko pahunchey or samne na rakha jaaye yunhi uski rooh ko sawaab pahunchaney ki niyat se sadqa kar diya jaaye dono’n tarah jaayez hai. Hadees No. 1: Hazrat Aayesha se marwi hai ki ek sahabi Rasoolallah ﷺ ki khidmat mein haazir hue or arz kiya Ya Rasoolallah ﷺ meri Maa’n ka achaanak intikaal ho gaya or woh koi wasiyat na kar saki. Main samajhta hoon agar usko bolne ka mauka milta to zaroor sadqa kar...

सदक़ा जो मौत को भी टाल देता है,Sadqa Jo Maut Ko Bhi Taal Deta Hai

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*सदक़ा जो मौत को भी टाल देता है* *_____________________________* 🔘दुनियाँ की ताकतवर चीज़ है *लोहा* जो सबको काट डालता है 🔘लोहे से ताकतवर है "आग" जो लोहे को पिघला देती है 🔘आग से ताकतवर है "पानी" जो आग को बुझा देती है  🔘और पानी से ताकतवर है "इंसान" जो उसे पी जाता है 🔘इंसान से भी ताकतवर "मौत" जो उसे खा जाती है 🔘और मौत से भी ताकतवर है """😊सदका😊""" जो मौत को भी टाल देता है.ा  इस वात को सभी तक पहुचाना भी सदका.  है,                                  हमेशा खुश                 रहना  चाहिए,                     क्योंकि                परेशान होने से               कल की मुश्किल                 दूर नही होती                 ...

Rozana Padhne Ki Kuch Duaein,रोज़ाना पढ़ने की कुछ दुआएँ

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*रोज़ाना पढ़ने की कुछ दुआएँ* मस्जिद में दाख़िल होते वक़्त *अल्लाहुम्मफ तहली अबवाबा रहमतिक * ﺍﻟﻠّﻬُﻢَّ ﺍﻓْﺘَﺢْ ﻟِﻲ ﺃَﺑْﻮَﺍﺏَ ﺭَﺣْﻤَﺘِﻚَ * मस्जिद से बाहर निकलते वक़्त *अल्लाहुम्मा इन्नी अस्अलुका मिन फजलिक * ﺍﻟﻠّﻬُﻢَّ ﺇِﻧِّﻲ ﺃَﺳْﺄَﻟُﻚَ ﻣِﻦْ ﻓَﻀْﻠِﻚ ﻭﺭﺣﻤﺘﻚَ * घर मे दाख़िल होते वक़्त *बिस्मिल्लाह व लज्ना व बिस्मिल्लाहि खरज्ना व अलल्लाहि रब्बाना तावक्कलना * ﺑِﺴْﻢِ ﺍﻟﻠﻪِ ﻭَﻟَﺠْﻨَﺎ ﻭَﺑِﺴْﻢِ ﺍﻟﻠﻪِ ﺧَﺮَﺟْﻨَﺎ ﻭَﻋَﻠَﻰ ﺍﻟﻠﻪِ ﺭَﺑِّﻨَﺎ ﺗَﻮَﻛَّﻠْﻨَﺎ * घर से बाहर निकलते वक़्त *बिस्मिल्लाहि तवक्कल्तू अलल्लाहि ला कुव्वता इल्ला बिल्लाह* ﺑِﺴْﻢِ ﺍﻟﻠﻪِ ﺗَﻮَﻛَّﻠْﺖُ ﻋَﻠَﻰ ﺍﻟﻠﻪِ ﻻ ﺣَﻮْﻝَ ﻭَﻻ ﻗُﻮَّﺓَ ﺇِﻻَّ ﺑِﺎﻟﻠَّﻪ * 🏚 बैतुलख़ला में दाख़िल होने से पहले *बिस्मिल्लाहि अल्लाहुम्मा इन्नी अउजुबिका मिनल खुबसी वल्खाबाइस * ﺑِﺴْﻢِ ﺍﻟﻠﻪِ ﺍﻟﻠَّﻬُﻢَّ ﺇِﻧِّﻲ ﺃَﻋُﻮﺫُ ﺑِﻚَ ﻣِﻦَ ﺍﻟْﺨُﺒْﺚِ ﻭَﺍﻟْﺨَﺒَﺎﺋِﺚِ * के 🏚बैतुलख़ला से बाहर आकर , *गुफरानकल् हम्दुलिल्लाहिल लजी अज्हबा अन्नीयल अजा व आफानी * ﻏُﻔْﺮَﺍﻧَﻚَ ﺍﻟْﺤَﻤْﺪُ ﻟِﻠَّﻪِ ﺍﻟَّﺬِﻱ ﺃَﺫْﻫَﺐَ ﻋَﻨِّﻲَ ﺍﻷَﺫَﻯ ﻭَﻋَﺎﻓَﺎﻧِﻲ * * ﺍﻟﻠَّﻬُﻢَّ ﻃَﻬِّﺮْ ﻗَﻠْﺒِﻲ ﻣِﻦَ ﺍﻟ...