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Showing posts from May, 2018

रमज़ान के हर दिन का सवाब,Ramadan Ke Har Din Ka Sawab

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═════════════════════════     🌴रमज़ान के हर दिन का सवाब🌴     ═════════════════════════ ```💐ह़ज़रत अ़ली رَضِىَ اللّٰهُ تَعَالٰى عَنٔه से रिवायत हैं कि रसूलल्लाह صَلَّى اللّٰهُ تَعَالٰى عَلَئهِ وَ اٰلِهٖ وَسَلَّم से रमज़ान की तरावीह़ के बारे में सवाल किया गया तो आप صَلَّى اللّٰهُ تَعَالٰى عَلَئهِ وَ اٰلِهٖ وَسَلَّم ने फ़रमाया:``` *01-* ```रमज़ान की पहली रात में मोमिन बन्दा अपने गुनाहों से ऐसा पाक हो जाता हैं जैसे आज मां के पेट से पैदा हुआ हैं!``` *02-* ```दुसरी रात में उसकी और उसके मुसलमान मां बाप की मग़्फ़िरत हो जाती हैं!``` *03-* ```तीसरी रात में फ़रिश्ता अ़र्श के नीचे से पुकारता हैं कि अब नए सिरे से अ़मल कर क्यूंकि तेरे पिछले गुनाह मुआ़फ़ हो चुके हैं!``` *04-* ```चौथी रात में उसे तौरात, इन्जील, ज़बूर और कुरआने मजीद पढ़ने का सवाब मिलता हैं! ``` *05-* ```पांचवी रात में अल्लाह عَزَّوَجَلَّ उसे उस शख़्स का सवाब अ़त़ा करता हैं जिसने मस्जिदे नबवी, मस्जिदे ह़राम और मस्जिदे अक़्सा में नमाज़े अदा की हो!``` *06-* ```छठी रात में बैतुल मामूर के तवाफ़ कर...

बेटी पैदा होने पर मूंह फुलाने वालों के लिए खास पैगाम,Beti Paida Hone Par Mooh Fulane Walo Ke Liye Khaas Paigaam

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*बेटी पैदा होने पर मूंह फुलाने वालों के लिए खास पैगाम* *========================* ऐक ईलाक़े में ऐक शख्स का ईन्तेकाल होगया , जनाज़ा तय्यार हुवा और उठा कर कबरस्तान ले जाने लगे तो ऐक आदमी आया और  डोली का ऐक पैर पकड लिया और कहा के मरने वाला मेरे 15 लाख रुप्ये देना है, जब तक   मेरा क़र्ज़ मुझे नही मिलता मैं जनाजा़ ले जाने नहीं दुंगा,,,, तमाम लोग खडे तमाशा देखने लगे 😲😲 बेटों ने कहा के मरने वाले ने तो हमें कोई एैसी बात नहीं कही है के वो मकरुज़ है ईस लिये हम नही दे सकते😏 तब मरहूम के भाईयों ने कहा के जब बेटे ज़िम्मेदार नहीं है तो हम क्यूं दें ..... अब सारे खडे हैं और उसने डोली पकडी हुई है,,,, जब काफी देर हुई तो ये बात घर की औरतों तक पहोंच गई ,, ये बात जब मरहूम की ईकलौती बेटी ने सुनी तो फौरन अपना सारा ज़ेवर उतारा और अपनी सारी नक़द रक़म जमा करके उस आदमी के पास भिजवादी और कहा के अल्लाह के लिये ये ज़ेवर बेच कर उसकी रक़म आप रखलो मगर मेरे अब्बू का जनाज़ा मत रोको ,,, मैं सारा करज़ा अदा करदुंगी और बाक़ी रकम का जल्द बंदोबस्त करूंगी ..... अब वो डोली पकडने वाला शख्स खडा हुवा औ...

मस्जिद की इफ़्त़ारी ग़ैर रोज़ेदार को खाना ह़राम है,Masjid Ki Iftari Gair Rozedaar Ko Khana Haraam Hai

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✍🏻मस्जिद की इफ़्त़ारी ग़ैर रोज़ेदार को खाना ह़राम है.....! 👇🏻 सरकार आला ह़ज़रत अज़ीमुल बरकत मुजद्दिद ए दीन ओ मिल्लत अश'शाह *इमाम अह़मद रज़ा ख़ान* फ़ाज़िल ए बरेलवी रदिअल्लाहु ताला अन्हु वा अर्दाहो अन्ना *फ़तावा रज़विय्या शरीफ़* में इर्शाद फ़रमाते हैं कि *मस्जिद की इफ़्त़ारी* ग़ैर रोज़ेदार को खाना ह़राम है क्यूंकि *मस्जिद की इफ़्त़ारी* भेजने वाले ने *रोज़ेदारों* के लिए वक़्फ़ किया है *वक़्फ़ का माल* *मिस्ल ए माल ए यतीम* है जिसे नाह़क़ खाने पर *अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त* ने इर्शाद फ़रमाया:   *_اِنَّمَا یَأکُلُوْنَ فِیْ بُطُوْنِھمْ نَارًا وَّ سَیَصْلَوْنَ سَعِیْرًا_* *_तर्जुमा:-_* अपने पेट में निरी आग भरते हैं और अनक़रीब जहन्नम में जायेंगे.....! 📚📚📚📚📚📚📚📚📚📚📚 *{सूरह ए निसा आयत न॰10}* 📒📒📒📒📒📒📒📒📒📒📒 *{फ़तावा रज़विय्या शरीफ़ जिल्द 16  सफ़्ह़ा 485 से 488 तक}*

बालों में तेल ड़ालने की सुन्नतें,Baalon Mein Tel Dalne Ki Sunnatein

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═════════════════════════ *💆🏻‍♂🙆🏻‍♂  बालों में तेल ड़ालने की सुन्नतें  💆🏻* ═════════════════════════ ➡हमारे प्यारे आक़ा, मदीने वाले मुस्त़फ़ा صَلَّى اللّٰهُ تَعَالٰى عَلَئهِ وَ اٰلِهٖ وَسَلَّم अपने सरे अक़्दस और दाढ़ी मुबारक में तेल ड़ालते, कंघा करते, बीच सर में मांग निकालते! ➡ह़ज़रते सय्यिदुना अबू हुरैरा رَضِىَ اللّٰهُ تَعَالٰى عَنٔه से मरवी हैं कि दो जहां के ताजवर, सुल्ताने बहरो बर صَلَّى اللّٰهُ تَعَالٰى عَلَئهِ وَ اٰلِهٖ وَسَلَّم ने फ़रमाया: 🌹जिस के बाल हो तो वोह उन का इकराम करे! (यानी उन को धोए, तेल लगाए कंघा करे) *📙(अबू दाउद, जिल्द-4, सफ़ह़ा-103)* ═════════════════════════ 🙆🏻‍♂सर में तेल ड़ालने से पहले बिस्मिल्लाह शरीफ़ पढ़ लेनी चाहिये! 💆🏻‍♂सर में तेल लगाने का त़रीक़ा येह हैं कि पूरी बिस्मिल्लाह शरीफ़ पढ़ कर उल्टे हाथ की हथेली में थोड़ा सा तेल ड़ाले, फिर पहले सीधी आंख के अब्रू (भंवों) पर तेल लगाए फिर उल्टी त़रफ़ की आंख के अब्रू पर! इस के बाद सीधी आंख की पलक पर तेल लगाए फिर उल्टी त़रफ़! अब (फिर से पूरी बिस्मिल्लाह शरीफ़ पढ़ कर) सर में तेल ड़...

पानी पीने का सुन्नत त़रीक़ा,Pani Peene Ka Sunnat Tareeka

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═══════════════════ *🍹🍸पानी पीने का सुन्नत त़रीक़ा🍸🍹* ═════════════════════════ *🍹🍸🍹🍸  ज़रूर पढ़े  🍸🍹🍸🍹* ═════════════════════════ 👉🏼जब भी पानी या शरबत वग़ैरा पियो तो "बिस्मिल्लाह शरीफ़" पढ़ कर दाहिने यानी सीधे हाथ से पियो, बांए यानी उल्टे हाथ से पीना शैत़ान का त़रीक़ा हैं! 👉🏽जो चीज़ भी पियो तो तीन सांस में पियो और हर मर्तबा बरतन से मुंह हटा कर सांस लो! 👉🏾पहली सांस में एक घूंट और दुसरी सांस में भी एक घूंट पिये और तीसरी मर्तबा जितना चाहे पी लें! ═════════════════════════ ➡हुज़ूर पुरनूर صَلَّى اللّٰهُ تَعَالٰى عَلَئهِ وَ اٰلِهٖ وَسَلَّم ने फ़रमाया: 🌹"ऊंट की त़रह़ एक ही घूंट में न पी जाया करो बल्कि दो या तीन बार पिया करो और जब पीने लगो तो बिस्मिल्लाह पढ़ा करो और जब पी चुको तो अलह़म्दोलिल्लाह कहा करो"! *📘(तिरमिज़ी, जिल्द-3, सफ़ह़ा-352)* ═════════════════════════ ➡ह़ज़रते सय्यिदुना अनस رَضِىَ اللّٰهُ تَعَالٰى عَنٔه से रिवायत हैं कि सरकारे मदीना صَلَّى اللّٰهُ تَعَالٰى عَلَئهِ وَ اٰلِهٖ وَسَلَّم पीने में तीन बार सांस लेते थे और ...

Karamat E Sarkar Huzur Tajushshariah,Huzur Tajushshariah Ki Karamat

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(Huzoor TajushshariaH Ki Aesi Karamat Ke Doctors Ke Hosh O Hawaas Udh Gaye Allah Allah) Durban(South Africa) Pohchne Per Hazrat TajushshariaH Ki Aankh Me Taqleef Jyada Badh Gayi 22 April 2015 Ko Hospital Me Ley Ja Kar Aankh K Mash'hoor Tajurbekar Doctor Ko Dikhaya  Unhone Kuch Dawaye Tajveez Ki Aur Operation Ka Mashwara Diya 24 April 2015 Ko Operation Ki Tareekh Muqarrar Kar Di Gayi Hazrat Ko Murideen Wa Aqidat Mand Hospital Le Kar Pohchey Doctor Ne Hazrat Ko Operation Se Qabl Behoshi Ka Injection Lagana Chaha Jesa Ki Doctors Ka Mamool Hai Magar Aap Ne Sakhti Se Mana Farma Diya Ki Is Tarah K Injection Me Najaiz Cheezo Ki Amizish Hoti Hai Aur Dusri Nasheeli Ashya Hoti Hai Is Liye Me Injection Nahi Lagwa Sakta Doctor Sahab Ne Hazrat Ko Bhut Mutma'een Karne Ki Koshish Ki Magar Hazrat Ne Inkar Farmaya Fir Doctor Sahab Ne Hazrat Se Dusri Guzarish Kari Ki Itna Hissa Sunn Kar Deta Hu Hazrat Is Per Bhi Tayyar Nahi Hue Aur Sunn Karne Se Bhi Mana Kar Diya Aain Operation K Waqt Doct...

दाढ़ी मुंडाने या कतरनें पर वईदें तहदीदें

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*💎दाढ़ी मुंडाने या कतरनें पर वईदें तहदीदें~* *```✏सरकार आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा बरैलवी रदियल्लाहु अन्हू* ने दाढ़ी के मसअले में जो आयात व अहादीस और नुसूसे अइम्मा पेश फरमाई उन में से जो वईदें, मज़म्मते और तहदीदें वारिद है उनका खुलासा यह है कि दाढ़ी मुंडाने वाले या कतरनें वालें अल्लाह व रसूलुल्लाह अलैहिस्सलाम के नाफरमान है,शैताने लईन के अहमक है, अल्लाह व उसके रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम उससे बेज़ार है, हुज़ूरे पाक अलैहिस्सलाम को ऐसी सुरत देखने से कराहत आती हैं कि ऐसी सुरत यहुदीयों और हिन्दुओं की सुरत है और नसरानी वज़ा है और फिरंगियों से मुशाबेह हैं,ऐसे लोग रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के गिरोह से नही बल्कि नसारा,यहूदी व मजूस ब हुनूद के गिरोह से है, वाजिबुत्ताज़ीर है, शहरे बदर करने के क़ाबिल है, फितरत और खल्क़ुल्लाह को बदलने वाले है, जनाने मुखन्नस है, खुदा के अहद शिकन है, ज़लील व ख्वार है, घिनौने क़ाबिले नफरत है, मरदूदुश्शहादह है।``` ```दाढ़ी मुंडाने वाले या कतरनें वालें पुरे इस्लाम में दाखिल न हुयें, हलाकत में है, मुस्तहिक़े बरबादी है, दीन में बेबहरा, आखिरत में बेनसीब है...

गाने की तर्ज़ में नाते पाक और सलाम पढ़ना,Gaane Ki Tarz Mein Naatein Paak Aur Salaam Padna

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_*गाने की तर्ज़ में नाते पाक और सलाम पढ़ना!*_ अल्लामा साकिब रज़ा मुस्तफ़ाई फ़रमाते है कि थूक दान को 100 मर्तबा धो लो लेकिन उसमें किसी को दूध दोगे तो क्या वह पियेगा ? लौटे *(बैतूल खला में इस्तिमाल होता है)* में पानी नही पीता क्योंकि उसकी निस्बत किसी और चीज़ से है इसी तरह जिस तर्ज़ में गाना गाया गया हो तो अल्लाह के नबी की नात का तक़ददूस ये है कि उस तर्ज़ में अब नात न पढ़ी जाए और जब उस तर्ज़ में नात पढी जाती है तो कुछ लोगो के अंदर गाना चल रहा होता है।  ये नात की हुरमत के ख़िलाफ़ है उसकी इज़्ज़त और वक़ार के ख़िलाफ़ है की नात पढ़ते हुवे इंसान का ख़्याल कही और हो बल्कि उस वक़्त पूरा ख़्याल और नज़र गुम्बदे खजरा कि जानिब होना चाहिए! *लिहाज़ा ऐसे नातखवाहो से बचें और जो नात ख्वा इस तरह से पढ़ते है उन्हें भी चाहिए कि आइंदा से इस तरह न पड़े।* _*हज़रत बयज़ीद बूस्तामी हो या हज़रते जुनैद बग़दादी रहमतुल्लाह अलैह ये दोनों जब हुज़ूर अलैहिस्सलाम की बारगाह में जाते थे तो सांस भी रोक लिया करते थे कि यहां सांस का शोर बे अदब के ख़िलाफ़ है तो गानों की तर्ज़ में सलाम और नाते पाक पढ़ना किस क़द्र बेअदबी होगी ?*_✍🏻

​मेहमान नवाज़ी,Mehman Nawazi

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​मेहमान नवाज़ी​ ​मेहमान नवाज़ी हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम की सुन्नत है आप बग़ैर मेहमान के कभी खाना तनावुल नहीं फरमाते थे यहां तक कि अगर कभी कोई ना मिलता तो आप किसी की तलाश में एक दो मील तक सफर कर आते थे कि कोई मिल जाए जिसके साथ आप खाना खायें,मेहमान का आना रहमते खुदावन्दी का आना है और वो अपना रिज़्क़ खुद लेकर आता है इसलिए मेहमान के आने पर खुशी का इज़हार करना चाहिये मेहमान के आने पर नाखुश होना या उसको हिकारत से देखना तंगी और मुफलिसी का बाइस है,चंद हदीसे पाक मुलाहज़ा फरमायें​ ​हदीस​ - जिस घर में लोगों को खाना खिलाया जाता है भलाई उसकी तरफ कोहान की तरफ जाने वाली छुरी से भी तेज़ दौड़ती है  📕 इब्ने माजा,सफह 204 ​हदीस​ - अपने मेहमान की ताज़ीम करो  📕 मुस्लिम,जिल्द 1,सफह 50 ​हदीस​ - लोगों ने अर्ज़ किया कि या रसूल अल्लाह सल्लललाहु तआला अलैहि वसल्लम हम खाते हैं मगर हमारा पेट नहीं भरता तो आप सल्लललाहु तआला अलैहि वसल्लम फरमाते हैं कि शायद तुम लोग अलग अलग खाते हो अर्ज़ की हां तो फरमाया कि इकठ्ठा खाया करो और बिस्मिल्लाह शरीफ पढ़कर शुरू करो 📕 इब्ने माजा,सफह 236 ​फुक़्हा​ - उस शख्...

MUREED_KAISE_HONE_CHAHIYE

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💜#MUREED_KAISE_HONE_CHAHIYE 💜 🔷🌹 HAZRAT AMIR KHUSRO (RADI ALLAHO TA AALA ANHO) JAISE HONE CHAHIYE🌹🔷 ➖Hazrat Amir Khusru (RADI ALLAHO TA AALA ANHO) se kafi khalifa jalte they kyu ki wo Nizamudin Auliya (RADI ALLAHO TA AALA ANHO) ke sab se chaheete they,  〰Ek din sab khulfa sath mein  jaa rahe they, raaste main ek Bacha dikha Nizamudin Auliya (RADI ALLAHO TA AALA ANHO) ne uspar hath phera aur aage chal pade, baki ke khalifaon ne bhi peer ki Adaa ko Adaa kartay hue us bachay par hath pehra, siwaey Ameer Khusro (RADI ALLAHO TA AALA ANHO) ke, sab khalifa dil me bura bhala kehnay lagay ki bada ashiq hai peer ki Adaa ko nahi apnata aur ishq ki baat karta hai, ➖Hazrat Nizamudin Auliya (RADI ALLAHO TA AALA ANHO) ke haal par sab haal zahir tha-,  Aap sidhaey ek lohar ki dukan main ghus gaye jaha loha pith raha tha, Aap ne garam garam loha ko hath say uthaya aur chum kar rakh diya,  Ab kisi khalifa ki Himmat nahi hui us garam lohay ko chumnay ki, Hazrat A...

वक़्त को कभी बुरा न कहो,Waqt Ko Kabhi Bura Na Kaho

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*वक़्त को कभी बुरा न कहो* *========================* अक्सर देखा गया है कुछ बुरा हुआ... तो लोग कहते है कि वक़्त बुरा चल रहा है... कुछ अच्छा हुआ... तो वक़्त अच्छा चल रहा हैं... वक़्त में कोई power है जो किसी का अच्छा या बुरा कर सके... हर चीज़ की तरह वक़्त भी अल्लाह का गुलाम हैं... कुछ बुरा हो तो समझो अल्लाह की आज़माईश है... हमारे अपने आमाल की अच्छा हो... तो करम अल्लाह का और ऐसी कोशिश में हम लगे रहे कि अल्लाह का करम बना रहे... अल्लाह हमें सही समझ अता फरमाये... और हम अपने अल्फ़ाज़ों की अदाएगी दुरुस्त करे ऐसे हमारा ज़हन बनाये... अच्छी सोच और दुरुस्त अल्फ़ाज़ों में है ख़ैर... अल्लाह अपने करम से बनाये हमारी हर सुबह...

MISVAAK MEIN MAUT KE ILAVAH HAR BEEMARI SE SHIFA HAI

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🌹HADIS SHARIF 🌹 "  MISVAAK MEIN MAUT KE ILAVAH HAR BEEMARI SE SHIFA HAI. " 📚KAZUL UMMAL. J. NO. 9,PAGE.NO.311)  Hazrat SIRRI SAQTI radiyallahu anhu (visaal, 253.hijri) ne farmaya.  " ameer padhosiyon,  bazaari qaariyon aur daulat mand aalimo se door raho. " 💠 " budha hone se pahle kuch kaam karlo kiyun ke zaif (kamzor)  ho kar kuch na karsakoge. " 💠 * jo shakhs is bat ka aarzu mand hai ke us ka deen salamat rahe aur us ke jism aur rooh dono ko rahat mily aur fikr va gham me kami ho to us ko chahiye ke dunya se alyhidagi ikhtiyaar kare. * 📚TAZKIRA E MASHAIKHE QADRIA. 1/88)  🌷

AAINE YA SHEESHE KE SAMNE NAMAZ PADHNE KA BAYAN

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*➡ AAINE YA SHEESHE KE SAMNE NAMAZ PADHNE KA BAYAN* ◽◽◽◽◽◽◽◽ *SAWAAL:-*  Ek masjid k mehrab me sheesha laga hua..namaz padhte waqt sheeshe me aks nazar aata hai....isk liye kya hukm hai.? 👉🏻 JAWAAB 👈🏻 🚦Alahazrat farmaate hain: "Mujhse aise shakhs ke baare me poochha gaya jisne aayine ke saamne Namaaz parhi, to maine jaayez hone ka fatwa diya, kyunke na to aayine ki ibaadat ki jaati hai aur na usme koi surat chhapi hoti hai, aur na ye kaafiro ki khaas aadat aur pehchaan me se hai. Haan, agar Namaaz parhne ke dauraan usko apni harkatein ya'ni Ruku, Sajda, uthna, baithna waghaira nazar aati hon aur isko lagta hai ke ye usko Namaaz se ghaafil kar dengi, to usko aayine ke saamne hargiz Namaaz na parhni chahiye. *📖 Jaddul Mumtaar: 1/311 & 312* 🚦 Isi tarah SadrusShari'ah Hazrat Allaama Amjad Ali Rahmatullaahi Alaihi farmaate hain: "Aayina saamne ho to Namaaz me karaahat nahi, ke karaahat ki wajah taswir hai, aur taswir yahaan maujood nahi, aur agar aa...

नूर का खिलौना,Noor Ka Khilona

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*🌹नूर का खिलौना🌹* *=========================*      *🌙 जिस चाँद पर साइन्स दान अब पहोचने का दावा कर रहा है वो चाँद तो मेरे प्यारे आक़ा ﷺ के ताबे फरमान है।*      *🌻 चुनान्चे "दलाइलुननुबूव्व्ह" में है : सुल्ताने दो जहां صلى الله عليه وسلم के चचाजान हज़रते अब्बास बिन अब्दुल मुत्तलिब رضي الله تعالي عنه फ़रमाते है :* मेने बारगाहे रिसालत में अर्ज़ की : *या रसूलुल्लाह ﷺ !*💫 मेने आप के बचपन में ऐसी बात देखि जो आप की नबुव्वत पर दलालत करती थी और मेरे ईमान लाने के अस्बाब में से ये भी एक सबब था। चुनान्चे मेने देखा की आप गहवारे (यानि पिंघोड़े) में लेटे हुए चाँद से बाते कर रहे थे और जिस तरफ आप ऊँगली से इशारा फ़रमाते चाँद उसी तरफ हो जाता था।      *👑 सरकारे नामदार ﷺ ने फ़रमाया : में उस से बाते करता था और वो मुझसे बाते करता था और मुझे रोने से बहलाता था और में उस के गिरने की आवाज़ सुनता था जब की वो अर्शे इलाही के निचे सज्दे में गिरता था।* *📙 (दलाइलुननुबूव्वत जी.2, स. 41)* *👇🏻आला हज़रत रहमतुल्लाह अलैह फ़रमाते है :👇🏻* 🌙 चाँद झुक जाता जिधर ऊँगली उ...

बच्चों का रोना ज़िक्रे इलाही है,Bachcho Ka Rona Zikr E Ilahi Hai

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*बच्चों का रोना ज़िक्रे इलाही है* *______________________________*  ```हज़रत अनस रज़ियल्लाहु तआला अन्हु से रिवायत है के हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया, अपने बच्चों को साल भर तक रोने के बाइस मत मारा करो क्योंकि चार माह तक बच्चे का रोना दर अस्ल, लाइलाहा इल्लल्लाह.. होता है और चार माह तक वो मेरी ज़ात पर दरूद शरीफ पढ़ता है और चार माह तक अपने वालिदैन के लिए उस का रोना दुआएं होती है। गोया के बच्चे का रोना-रोना नही बल्कि वो अपनी बोली में ज़िक्रे खुदा व रसूल करता है, और अपने वालिदैन के लिए दअवाते बख्शिश में महव रहता``` है 📚 *नुज़हतुल मजालिस जि.2 स.411* *_______________________________*

Ashara-e-Mubasharah

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..:: Ashara-e-Mubasharah ::.. The ten most exalted companions (ALLAH is well pleased with them) to whom the beloved Prophet (SallAllahu Alayhi wa Sallam) gave glad tidings of Jannah whilst they were still in this world, are known as "Ashara-e-Mubashrah". Every Muslim should know and memorize their blessed names. They are: 1. Sayyiduna Abu Bakr as-Siddique 2. Sayyiduna Umar Ibn al-Khattab 3. Sayyiduna Uthman Ibn Affan 4. Sayyiduna Ali Ibn Abi Taalib 5. Sayyiduna Talha bin Ubaydullah 6. Sayyiduna Zubayr bin al-Awwam 7. Sayyiduna Abd ar-Rahmah bin Awf 8. Sayyiduna Sa'ad bin Abi Waqqas 9. Sayyiduna Sa'eed bin Zayd 10. Sayyiduna Aby Ubaydah bin al-Jarrah (RadiyAllahu Ta'ala Anhum Ajma'een) Ref: Fatawa Razawiyyah, Vol. 29, Page 363

अल्लाह जो करता है अच्छा करता है,Allah Jo Karta Hai Achcha Karta Hai

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*अल्लाह जो करता है अच्छा करता है* हज़रत दाऊद अलैहिस्सलाम के ज़माने में एक बुढ़िया थी जिसने एक दिन तीन रोटियां सदक़ा की,मगर उसके बाद अचानक एक हवा चली और उसका बचा हुआ पूरा आटा हवा में उड़ गया,बुढ़िया को बहुत गुस्सा आया और वो हवा की शिकायत लेकर हज़रत दाऊद अलैहिस्सलाम की बारगाह में हाज़िर हुई,हज़रत दाऊद अलैहिस्सलाम ने हवा को बुलाया और पूछा कि तुमने इसका आटा क्यों उड़ाया तो हवा ने कहा इसके बारे में आप हवा के फरिश्ते से दरयाफ़्त करें फिर आपने हवा के फरिश्ते को बुलवाया और सवाल किया तो उसने कहा कि आप खुदा से पूछिए फिर आपने बारगाहे खुदावन्दी में अर्ज़ की तो मौला फरमाता है कि मेरा कोई भी काम अबस नहीं होता,समंदर में एक कश्ती जा रही थी उसमें चूहे ने सुराख कर दिया,कश्ती डूबने को हुई तो मैंने हवा को हुक्म दिया कि वो ये आटा उड़ाकर कश्ती में डाल दे ताकि वो लोग इससे कश्ती के सूराख को भर लें,चुनांचे उन्होंने ऐसा ही किया और वो सही सलामत किनारे पर पहुंच गए,हज़रत दाऊद अलैहिस्सलाम ने 3 लाख दीनार बुढ़िया को दिया और फरमाया कि ये तेरे सदक़े की बरकत है और खुदा का शुक्र अदा किया  *📕 नुज़हतुल मजालिस,जिल्द 1,सफह 162*...

Taraweeh Ke Fazail & Masail

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🌇🕌🌇🕌🌇 *﷽* 🌇🕌🌇🕌 ◉➻═════════════════╕     *Taraweeh Ke Fazail & Masail*              ┌════▤●▤════┐                   *_TARAWEEH_*             └════▤●▤════┘  *✺Taraveeh Ki Ibteda {Shuru} Kaha Se Hui,??  ✺* ┱✿_ Taraveeh Ki Ibtida To Huzoor Sallallahu Alaihivasallam Se Hui, Magar Aap Sallallahu Alaihivasallam Ne Is Andesha Se K Ye Farz Na Ho Jaye 3 Din Se Zyada Jama’At Nahi Karwayi, Sahaba Raziyallahu Anhum Fardan Fardan Padha Karte The Or Kabhi 2-2,4-4 Sahaba Raziyallahu Anhum Jama’At Kar Lete The, ★ Hazrat Umar Raziyallahu Anhu Ke Zamane Se Aam Jama’At Ka Rivaaj Hua Or Us Waqt Se Aaj Tak Taraveeh Ki 20 Hee Raka’At Chali Aa Rahi Hai, Or 20 Raka’At Hee Sunnate Moakada Hai, *_✦➛📗┒✦Aapke Masail Aur Unka Hal, 3/29* ★ *Roze Aur Taraveeh Ka Aapas Me Kya Ta’Alluq Hai??  ★ *Kya Roza Rakhne Ke Liye Zaroori Hai K Taraveeh Bhi Padhi...

Jannat ka bazaar

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*Mafhum-e-Hadith: Jannat ka bazaar *👇🏽 ✦ Anas bin malik Radi allahu anhu se rivayat hai ki Rasool-Allah Sallallahu Alaihi wasallam ne farmaya jannat mein ek aisa bazar hai jismein jannati log har jumaa ke din aaya karenge phir shumali hawa(North wind) chalegi aur wahan ke gard o gubar (jo mushk aur zafran hai) unke chehron aur kapdon par daal degi jis se jannatiyo ka husn aur jamaal aur ziyada ho jayega phir jab wo apne gharwalon ki taraf lautenge is haal mein ki unke husn aur jamal mein ezafa ho chuka hoga to wo (unke gharwale) kahenge ki Allah ki qasam hamare bad to tumhare husn aur jamal mein aur ezafa ho gaya hai, to wo kahenge ki Allah ki qasam hamare bad tumhare husn aur jamal mein bhi ezafa ho gaya hai Sahih Muslim , Jild 6, 7146 ------------ حضرت انس بن مالک رضی اللہ تعالیٰ عنہ سے روایت ہے کہ رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: جنت میں ایک بازار ہے جس میں وہ(اہل جنت) ہر جمعہ کو آیا کریں گے تو(اس روز) شمال کی ایسی ہوا چلے گی جو ان سے چہروں پر اور ان کے کپڑوں پر پھ...

जन्नत की  ऊंटनी,Jannat Ki Oonti

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*जन्नत की  ऊंटनी* 🌱🌱🌱🌱🌱🌱🌱🌱  🌹हजरत मौला अली रज़िअल्लाहो तआला अन्हो एक बार घर तशरीफ़ लाए तो हज़रत फातिमा रज़िअल्लाहो तआला अन्हा ने कहा मैंने यह सूत काता हैं। आप इसे बाजार ले जाएं और बेचकर आटा ले आए ताकि हसन और हुसैन रज़िअल्लाहो तआला अन्हो को रोटी खिला दूं हज़रत अली वह सूत बाजार लें गए और उसे 6 दिरहम में बेच दिया फिर उन दिरहमों का कुछ खरीदना चाहते थे कि एक शाहिल ने सदा की हज़रत अली ने वह रुपए उस शाहिल को दे दिए थोड़ी देर के बाद एक आराबी आया  जिसके पास बड़ी फरमा एक ऊंटनी थी वह बोला अली यह उंटनी खरीदोगे फरमाया पैसे पास नहीं हैं। आराबी ने कहां उधार देता हूं यह कह कर उंटनी की मोहर हज़रत अली के हाथ में दे दी और खुद चला गया इतने में एक दूसरा आराबी नमूदार हुआ और कहा अली ऊंटनी देते हो फरमाया ले लो आराबी ने कहा 300 नगद देता हूं यह कहां और 300 नगद हज़रत अली को दे दिए और ऊंटनी लेकर चला गया इसके बाद हज़रत अली ने पहले अरबी को  तलाश किया मगर वह न मिला आप घर आए और देखा हुज़ूर सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम हज़रत फातिमा के पास तशरीफ फरमा हैं हुज़ूर ने मुस्कुराकर फरमाया अली ऊं...

बहन या बेटी की परवरिश का सिलाह,Behen Ya Beti Ki Parvarish Ka Silaah

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*📚 बहन या बेटी की परवरिश का सिलाह ! 📚* ♥हदीस : नबी-ए-करिम (सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम) ने इरशाद फरमाया -"जिस (मुस्लमान) ने अपनी एक भी लड़की या बहन की परवरिश की और उसे सराई अदब सिखाया, उसे प्यार व मुहब्बत से पेश आया और उनकी शादी (निकाह) करवा दी तो अल्लाह तआला उसे जन्नत मे दाखिल करेगा", *📖(अबु दाऊद, जिल्द-3, बाब-578, हदीस-1706, सफा-617)* --- ✿हदीस : नबी-ए-करिम (सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम) ने इरशाद फरमाया-- "जो (मुस्लमान) लोग अपनी बच्चीयों को प्यार व मुहब्बत से परवरिश करेगें तो ओ बच्चीयां उनके लिये जहन्नम से आड़ (दिवार) बन जाएगी" *📖(तिर्मिजी शरिफ, जिल्द-1, बाब-1279,हदीस-1980, सफा-901,)* *_______________________________*

क़ज़ाए उम्री का त़रीक़ा ,Qaza E Umri Ka Tareeka

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══════════════════ 💎✨ क़ज़ाए उम्री का त़रीक़ा ✨💎 ══════════════════ *➡क़ज़ा हर रोज़ की 20 रक्अ़तें होती हैं,* 2 फ़र्ज़ फ़ज्र के 4 फ़र्ज़ जो़हर के 4 फ़र्ज़ अ़स्र के 3 फ़र्ज़ मग़रिब के 4 फ़र्ज़ इशा के 3 वित्र इशा के ══════════════════ 💚✨ निय्यत इस त़रह़ करे ✨💚 ══════════════════ ➡जैसे- फ़ज्र की क़ज़ा हो तो यूं निय्यत करे:- "सबसे पहली फ़ज्र जो मुझसे क़ज़ा हुई उसको अदा करता हूं"! हर नमाज़ में इसी त़रह़ निय्यत कीजिए! और अगर निय्यत में लफ़्ज़ "क़ज़ा" कहना भूल गए तो कोई हरज नही, नमाज़ हो जाएगी! ════════════════════════ ✨ ज़्यादा क़ज़ा हो तो उनके लिए आसानी ✨ ════════════════════════       💎💫✨ पहली आसानी ✨💫💎 ➡अगर किसी पर ज़्यादा नमाज़े क़ज़ा हो और वो आसानी के लिए रुकूअ़ और सज्दे की तस्बीह़ तीन तीन बार पढ़ने के बजाए एक एक बार पढ़ेगा तो भी जाएज़ हैं!       💎💫✨ दुसरी आसानी ✨💫💎 ➡फ़ज्र के अलावा दुसरी चारों फ़र्ज़ नमाज़ों की तीसरी और चौथी रक्अ़त में सूरए फ़ातिह़ा (अलह़म्द शरीफ़) की जगह सिर्फ़ तीन बार ...

पर्दे का बयान,Parde Ka Bayaan

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*पर्दे का बयान*  *_____________*               *_🌴🌹हुज़ूर सल्लल्लाहु तआ़ला अलैहि वसल्लम इरशाद फ़रमाते हैं कि आँख भी ज़िना करती है तो जो शख़्स अपनी नज़र को क़ाबू में नहीं रख पाता तो उसे चाहिये कि निकाह़ करे और अगर इसकी इस्तिताअ़त ना रखता हो तो रोज़ा रखे कि रोज़ा शहवत को तोड़ देता है🌹🌴_* *_📚कीमियाये सआ़दत,सफ़ह (467)📚_* *_🌴🌹औरतों के लिये ऐसा लिबास जिससे कि उनके जिस्म की हैबत-ओ-रंगत समझ में आये पहनना ह़राम है और ऐसे लिबास को ह़दीसे पाक में नंगा लिबास फ़रमाया गया है🌹🌴_* *_📚इस्लाम में पर्दा,सफ़ह(9)📚_* *_🌴🌹औ़रत का घर के सहन(आंगन)में नमाज़ पढ़ने से बेहतर है कि दालान में नमाज़ पढ़े और दालान में नमाज़ पढ़ने से बेहतर है कि कमरे में नमाज़ पढ़े और कमरे में नमाज़ पढ़ने से बेहतर है कि तहख़ाने में नमाज़ पढ़े🌹🌴_* *_📚अ-ल-मलफूज़,ह़िस्सा(3)सफ़ह(27)📚_* *_🌴🌹औ़रत का अंधे से भी पर्दा करना वैसे ही वाजिब है जैसे कि आँख वाले से🌹🌴_* *_📚फ़तावा-ए-रज़्वियह,जिल्द(9)सफ़ह (270)📚_* *_🌴🌹एक मर्तबा हुज़ूर सल्लल्लाहु तआ़ला अलैहि वसल्लम ने अपनी महफ़िल में सहाब...

ज़िना क्या है,Zeena Kya Hai

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*सवाल : ज़िना क्या है ?* *____________________________* जवाब :अगर मर्द एक ऐसी औरत से सोहबत/ हमबिस्तरी करे जो उसकी बीवी नही है तो, ये ज़िना कहलाता है, ज़रूरी नही की साथ सोने को ही ज़िना कहते हैं, बल्की छूना भी ज़िना एक हिस्सा है और किसी पराई औरत को देखना आँखों का ज़िना है। 🅾ज़िना को इस्लाम में एक बहुत बड़ा गुनाह माना गया है, और इस्लाम ने ऐसा करने वालो की सज़ा दुनिया में ही रखी है. और मरने के बाद अल्लाह इसकी सख्त सज़ा देगा।  🅾ज़िना के बारे में कुछ हदीस और क़ुरान की आयत देखिये।हज़रत मुहम्मद ( सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम) ने फ़रमाया मोमिन (मुस्लिम) होते हुए तो कोई ज़िना कर ही नही सकता।(Bukhari Sharif, Jild:3, Safa:614 Hadees:1714) 🅾अल्लाह क़ुरान में फ़रमाता है और (देखो) ज़िना के पास भी ना जाना, बेशक वो बेहयाई है और बुरी राह है"(Al-quraan : Al-Isra: A-32) 🅾ज़िना की सज़ा और अज़ाब: अगर ज़िना करनेवाले शादी शुदा हो तो खुले मैदान में पत्थर मारमार कर मार डाला जाये और अगर कुंवारे हो तो 100 कोड़े मारे जाये।(Bukhari Sharif Jild Safa:615/615 Hadees:1715) 🅾आज कल देखने में आया है ...

नमाज़ की अहमिय्यत,Namaz Ki Ahmiyat

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*السلام علیکم ورحمۃ اللہ وبرکاتہ*   🇮🇳🌹💐🌸🌺🌷💐🌹🇮🇳 *ﺑِﺴْــــــــــــــــﻢِﷲِﺍﻟﺮَّﺣْﻤَﻦِﺍلرَّﺣِﻴﻢ* *••_नमाज़ की अहमिय्यत_••* *बे वुज़ू नमाज़ पढ़ने पर अज़ाब...* हज़रत जलालुद्दीन सुयूती رحمة الله عليه फ़रमाते है कि एक आदमी जिसे लोग मुत्तक़ी (परहेज़गार) की हैसिय्यत से पहचानते थे, जब उसका इन्तिक़ाल हो गया और लोगों ने उसे दफ़्न कर दिया तो फरिश्तों ने उससे कहा कि हम तुझे अज़ाब के सौ कोड़े मारेंगे। उसने कहा: क्यों मारोगे? में तो मुत्तक़ी था। फरिश्तों ने कहा: अच्छा चल! पचास कोड़े ही मारेंगे। फिर वो आदमी बराबर बहस करता रहा कि मुझे क्यों मोरोगे? यहाँ तक कि फ़रिश्ते एक कोड़े पर आ गए और उन्होंने एक कोड़ा मार ही दिया जिससे पूरी क़ब्र आग से भर गई और वो जलकर खाकिस्तर हो गई फिर उसे ज़िन्दा किया गया तो उसने पूछा: अब ये बताओ कि तुमने मुझे ये कोड़ा क्यों मारा? फरिश्तों ने जवाब दिया: तूने एक रोज़ बे-वुज़ू नमाज़ पढ़ ली थी, ये उसी की सजा है।      वाज़ेह (मालुम) रहे कि जान बूझकर बे-वुज़ू नमाज़ पढ़ना बाज़ फ़ुक़हा के नज़्दीक कुफ़्र है यानी आदमी बे-वुज़ू नमाज़ पढ़ने से काफ़िर हो जाता है। *(नमाज़ की अहमियत-33)*...

MAHAR KI MIQDAR

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*MAHAR KI MIQDAR*👇🏽 🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟 MAHAR KAM SE KAM KITNA DENA ZARURI HAI AUR ZIYADAH SE ZIYADAH KITNA AUR BEHTAR MAHAR KITNA HAI? 🔵JAWAB🔵 🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟 MAHAR KI KAM SE KAM MIQDAR 31 GRAM CHANDI KI NIKAH KE DIN KI QEEMAT HAI AUR ZIYADA MAHAR DENE KI KOI HAD MUTAIYYAN NAHIN HAI, 🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟 LEKIN BAHOT ZIYADAH MAHAR DENA ACHCHHA NAHIN HAI AUR BEHTAR MAHAR, MAHARE FATIMI 1 KILO 531 GRAM CHANDI KI NIKAH KE DIN KI QEEMAT HAI. 🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟 *📚DARSI BAHISHTI ZEWAR SAFA 355 SE MAKHOOZ*  *_______________________________*

छह कलमें और उनका तर्जुमा,6 Kalme Aur Unka Tarjuma

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🔵 *छह कलमें और उनका तर्जुमा* 🔵 1. पहला कलमा तय्यब: *ला इलाहा इलल्लाहु मुहम्मदुर्रसूलुल्लाहि !* » *तर्जुमा:* अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं और हज़रत मुहम्मद सलल्लाहो अलैहि वसल्लम अल्लाह के नेक बन्दे और रसूल है. 2. दूसरा कलमा शहादत: *अश-हदु अल्लाह इलाह इल्लल्लाहु वह दहु ला शरी-क लहू व अशहदु अन्न मुहम्मदन अब्दुहु व रसूलुहु.* » *तर्जुमा:* मैं गवाही देता हु के अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं. वह अकेला है उसका कोई शरीक नहीं. और मैं गवाही देता हु कि (हज़रत) मुहम्मद सलल्लाहो अलैहि वसल्लम अल्लाह के नेक बन्दे और रसूल है। 3. तीसरा कलमा तमजीद: *सुब्हानल्लाही वल् हम्दु लिल्लाहि वला इला-ह इलल्लाहु वल्लाहु अकबर, वला हौल वला कूव्-व-त इल्ला बिल्लाहिल अलिय्यील अजीम.* » *तर्जुमा:* अल्लाह पाक है और सब तारीफें अल्लाह ही के लिए है और अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं. इबादत के लायक तो सिर्फ अल्लाह है और अल्लाह सबसे बड़ा है और किसी में न तो ताकत है न बल लेकिन ताकत और बल तो अल्लाह ही में है जो बहुत शान वाला और बड़ा है. 4. चौथा कलमा तौहीद: *ला इलाह इल्लल्लाहु वह्-दहु ला शरीक लहू लहुल मुल्क व लहुल ...